हकीकत शायरी – Hakikat shayari in hindi
❛❛शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना,
ग़मों की महफिल भी कमाल जमती है!❜❜
❛❛वो सुना रहे थे अपनी वफाओं के किस्से,
हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए!❜❜
❛❛उम्र भर गालिब यही भूल करता रहा,
धूल चेहरे पर थी और वो आईंना साफ करता रहा!❜❜
❛❛मेरे अपने करने लगे हैं बगावत आजकल,
गैरों को होने लगी है मोहब्बत मुझसे!❜❜
❛❛लोग कहते हैं वक़्त हर ज़ख़्म भर देता है,
पर किताबों पर धूल जम जाने से कहानी नहीं बदला करती!❜❜
❛❛ये नज़रें बचाकर जब से तुम संवरने लगे हो,
आईना समझ गया है तुम भी इश्क करने लगे हो!❜❜
❛❛ज़रुरी नहीं शराफत के लिबास में हर शख्स शरीफ़ ही हो,
काले कपड़ो में हर कोई जादूगर ही नहीं होता!❜❜
❛❛इत्तेफ़ाक़ से मिल जाते हो जब तुम राह में कभी,
युँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे!❜❜
❛❛वो बात करने तक को राजी़ नहीं,
और हम होली पर रंग लगाने की हसरत जमाये बैठे हैं!❜❜
❛❛बहुत करीब आ जाते हैं वो लोग अक्सर,
जो बिछड़ने का पहले से इरादा रखते हैं!❜❜
❛❛रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना,
कि दरवाज़ा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े!❜❜
❛❛हक़ीक़त को तलाश करना पड़ता है,
अफवाहें तो घर बैठे आप तक पहुँच जाती है!❜❜
❛❛जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है,
वरना अपना कहने वाले तो याद भी नहीं करते!❜❜
❛❛हर मर्ज़ का इलाज नहीं दवाखाने में,
कुछ दर्द चले जाते हैं, दोस्तों के साथ मुस्कुराने में!❜❜
❛❛दर्द आँखों से निकला तो सबने बोला कायर है ये,
जब दर्द लफ़्ज़ों से निकला तो सब बोले शायर है ये!❜❜