Sadhu ki jhopadi story

 

साधू की झोपड़ी – Sadhu ki jhopadi story in hindi


एक गाँव में दो साधू रहते थे, वे दिन भर भिक्षा मांगते और मंदिर में पूजा करते थे। एक दिन गाँव में आंधी आ गयी और बहुत जोरों की बारिश होने लगी। दोनों साधू गाँव की सीमा से लगी एक झोपड़ी में निवास करते थे। 

शाम को जब दोनों वापस पहुंचे तो देखा कि आंधी-तूफ़ान के कारण उनकी आधी झोपड़ी टूट गई है। यह देखकर पहला साधू क्रोधित हो उठा और बुदबुदाने लगा कि – हे भगवान! तू मेरे साथ हमेशा ही गलत करता है। मैं दिन भर तेरा नाम लेता हूँ, मंदिर में तेरी पूजा करता हूँ फिर भी तूने मेरी झोपड़ी तोड़ दी। गाँव में चोर- लुटेरे और झूठे लोगों के तो मकानों को कुछ नहीं हुआ। बेचारे हम साधुओं की झोपड़ी ही तूने तोड़ दी ये तूने अच्छा नहीं किया। हम तेरा नाम जपते हैं पर तू हमसे प्रेम नहीं करता। 

तभी दूसरा साधू आता है और झोपड़ी को देखकर खुश हो जाता है नाचने लगता है और कहता है कि हे भगवान! आज मुझे विश्वास हो गया तू हमसे कितना अधिक प्रेम करता है! ये हमारी आधी झोपड़ी तूने ही बचाई है वर्ना इतनी तेज आंधी-तूफ़ान में तो पूरी झोपड़ी ही उड़ जाती। ये तेरी ही कृपा है कि अभी भी हमारे पास सर ढंकने की जगह है। निश्चित ही ये तेरी पूजा का फल है, कल से मैं तेरी और पूजा करूँगा। मेरा तुझपर विश्वास अब और भी बढ़ गया है, तेरी जय हो!


शिक्षा – मित्रों, एक ही घटना को एक ही जैसे दो लोगों ने कितने अलग-अलग ढंग से देखा। हमारी सोच, हमारा भविष्य तय करती है। हमारी दुनिया तभी बदलेगी जब हमारी सोच बदलेगी। यदि हमारी सोच पहले वाले साधू की तरह होगी तो हमें हर चीज में कमी ही नजर आएगी और अगर दूसरे साधू की तरह होगी तो हमें हर चीज में अच्छाई दिखेगी। इसलिए हमें दूसरे साधू की तरह विकट से विकट परिस्थिति में भी अपनी सोच सकारात्मक बनाये रखनी चाहिए।

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *